ODF मुक्त हो चुके हैं जो ग्राम की ज़मीनी हकीकत
राजस्थान पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौर ने विधानसभा में आकड़े पेश करते हुए बताया की अब तक राजस्थान में 4937 ग्राम ODF मुक्त हो चुके हैं जो की ज़मीनी हकीकत से बहुत दूर है .
राजीव गाँधी पंचायती राज संगठन ने बताया की RGPRS ने अनेकों ज़िलों में ऐसे गावों का दौरा किआ जो सरकार द्वारा ODF घोषित हैं लेकिन हकीकत इससे विपरीत निकली . ग्रामीणों को इसी योजना के तहत शौचालय बनवाने के लिए 12 हज़ार रुपया सरकारी कोष सेदिए जाने का प्रावधान है जो की अप्रयाप्त है और यह पैसा तभी देय होता है जब की शौचलय बनवा कर उसका प्रमाण सम्बंधित अधिकारी से प्राप्त कर लिया जाए I स्थिति यह है की ग्रामीण इलाको में एक शौचालय के निर्माण पर औसतन 20 हज़ार रुपये से अधिक का खर्चा आ रहा है, जबकि सरकार सिर्फ 12 हज़ार रुपये दे रही है I जिसकी वजह से अधूरे बने शौचालयों को संख्या बहुत अधिक है / बहुत सारे मामले ऐसे भी है जिनमे अभी तक यह राशि भी नहीं मिलपाई है .
ऐसे कई गांव है जिनमे में पीने का पानी मुश्किल से मिल रहा है तो वे शौचालय के लिए पानी कहाँ से लाएं . राज्य सरकार ODF के झूठे आंकड़े पेशकर जनता को गुमराह कर रही है क्योंकि बहुत सारे ऐसे गांव है जो सरकार द्वारा खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिए गए है परन्तु वास्तविकता में अभी तक कईघरो में शौचालय ही नहीं बने हैं व् बहुत सारे शौचालय उपयोग के योग्य ही नहीं हैं जिसका दावा RGPRS चुनौती के साथ करता है. अगर मंत्री महोदय चाहे तोRGPRS उन्हें ODF मुक्त गावं में ले जा कर ज़मीनी हकीकत दिखा सकती है /
उपरोक्त कारणों से ODF अभियान में केवल आकड़ों में ही कामयाबी मिली है वास्तविकता में नहीं .
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