ODF मुक्त गाव की जमीनी हकीकत
राज्य सरकार
ODF के
झूठे आंकड़े
पेश कर जनता को गुमराह कर रही है क्योंकि बहुत
सारे
ऐसे
गांव है जो सरकार द्वारा खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिए गए है
राजीव गाँधी पंचायती राज संगठन के द्वारा बताया गया
की
RGPRS ने अनेकों
ज़िलों
में
ऐसे
गावों
का
दौरा
किआ
जो सरकार
द्वारा
ODF घोषित
हैं
लेकिन हकीकत
इससे
विपरीत
निकली .
ग्रामीणों को इसी योजना के तहत शौचालय बनवाने के लिए 12 हज़ार रुपया
सरकारी कोष से दिए जाने का प्रावधान है जो की अप्रयाप्त है और यह पैसा तभी देय
होता है जब की शौचलय बनवा कर उसका प्रमाण सम्बंधित
अधिकारी
से
प्राप्त
कर
लिया
जाए I स्थिति यह है की ग्रामीण इलाको में
एक शौचालय के निर्माण पर औसतन 20 हज़ार रुपये
से अधिक का खर्चा आ रहा है, जबकि सरकार सिर्फ 12 हज़ार रुपये दे रही है I जिसकी वजह से अधूरे बने शौचालयों को संख्या बहुत अधिक है / बहुत
सारे
मामले
ऐसे भी है जिनमे अभी तक यह राशि
भी
नहीं
मिल पाई
है .
ऐसे कई गांव है जिनमे में
पीने का पानी मुश्किल
से मिल रहा
है तो वे शौचालय के लिए
पानी कहाँ से लाएं . राज्य सरकार ODF के झूठे
आंकड़े पेश
कर जनता को
गुमराह कर रही
है
Publish by
अमित पूनिया
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अमित पूनिया
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